Asaram Bapu Case:
उस लड़की के पढ़िए एक-एक शब्द, जिससे रेप करने पर आसाराम को हुई उम्रकैद
“मैं अंदर गई, तो उसने मुझे अपने पास बिठाया और बातें करने लगा ।”
पीड़िता के बयान :
मैं….. जो बारहवीं कक्षा में हूँ। मैं परासिया रोड, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में संत श्री आसाराम जी के गुरुकुल में पढ़ती हूँ। मैं अपने परिवार, पापा श्री, मम्मी श्रीमती, मेरा बड़ा भाई और छोटा भाई के साथ रहती हूँ। जब मुझे अचानक चक्कर आया, तो मेरी हॉस्टल वॉर्डन शिल्पी ने बताई कि मैं भूत-प्रेतों का साया था। उनका कहना था कि वे इस विषय पर बापू आसाराम से चर्चा करेंगी। शिल्पी ने 7 अगस्त 2013 को मेरे घर फोन लगाकर बताया कि उसकी तबीयत खराब है।
आप उसे एक बड़े शहर में ले जाकर उसका इलाज करवा देंगे। 08.08.2013 की रात 10 बजे से 11 बजे के बीच मेरे माता-पिता गुरुकुल पहुंचे। फोन पर मैंने उनसे बात की। 09.08.2013 की सुबह, मेरे माता-पिता मुझे गर्ल्स हॉस्टल लेने आए। शिल्पी ने उनसे बताई कि उस पर भूत-प्रेतों का साया है, जिस बारे में हमने बापू को बताया है और उन्होंने….. को फोन किया है।
शिल्पी ने कहा कि इसे जल्दी बापू के पास ले जाओ। मैं 09.08.2013 को अपने घर शाहजहांपुर पहुंचा। तब पिता ने पूछा कि बापू कहां है। पता चला कि 12 अगस्त 2013 को वह दिल्ली आएंगे। 13 अगस्त 2013 को दिल्ली पहुंचने पर पता चला कि वे राजस्थान के जोधपुर में हैं।
तब बापू की सेवा में रहने वाले शिवा ने हम से कहा कि आप जल्द ही जोधपुर आ जाओ। 14 अगस्त 2013 को हम जोधपुर के पास मणाई गांव में पहुंचे, जहां बापू आए हुए थे। जब मैं वहां पहुंची, सब साधक बाहर खड़े थे और गेट बंद था। बाद में पापा ने शिवा को फोन पर फोन किया और उसने गेट खुलवाया। जब हम अंदर गए, बापू कुर्सी पर बैठकर प्रवचन कर रहे थे। हम भी वहां गए और बैठे। कुछ देर बाद उसने पूछा कि आप कहाँ से आए हैं। मैंने बताया कि मैं एक शिक्षण संस्थान में पढ़ता हूँ। उन्होंने कहा कि वह मेरी आत्मा निकालेंगे। फिर उन्होंने आध्यात्मिक विषयों और मेरे भविष्य पर चर्चा की।
उस रात बापू ने अपने एक पुत्र को भेजा, जो हमें तीनों को अपने पास बुला लेता था। फिर हमें अपनी कुटिया दिखाई, भोजन देकर हमें आराम करने को भेजा। हम उन्हीं के कमरे में रुके रहे।
अगले दिन 15.08.2013 को, उन्होंने हमारे लिए भोजन भी भेजा और सत्संग भी पढ़ाया। उस रात फिर बापू ने हमें फिर से अपनी कुटिया में बुलवाया। जब हम लोग वहाँ गए, बापू ने पहले मेरे माता-पिता से बात की, फिर उन्हें गेट के पास बिठा दिया। उनसे कहा कि यहां बैठकर जप करना, ध्यान करना और कुछ समय में चले जाना । मुझे बापू ने कुटिया के पीछे चबूतरे पर बिठाया। फिर मुझे एक गिलास दूध दिया , उसके पीने के बाद बापू ने जाने को कहा, लेकिन वे नहीं गए।
पिताजी थोड़ी देर में चले गए, लेकिन मां वहीं बैठी रही। थोड़ी देर में, बापू सामने के दरवाजे से अपने कमरे में गया और उसने अपनी कमरे की लाइट बंद कर दी। और पीछे की खिड़की से मुझे बुलाया। जब मैं अंदर गया, उसने मुझे अपने पास बैठाकर बोलने लगा। फिर उसने कहा कि अपने माता-पिता को देखो कि वे क्या कर रहे हैं। मैंने उसे आकर बताया कि पापा चले गए हैं और मां बैठी है। फिर उसने कमरे को बंद कर दिया और मेरे साथ बदसलूकी करने लगी। जब मैं रोने लगी, उसने कहा कि मेरे माता-पिता को मार डालेगा। उसने मुझे धमकाकर मुंह बंद करवा दिया।
उसने मेरे को पहले किस किया। फिर मेरे पूरे शरीर पर हाथ फेरा। फिर उसने मुझे हर जगह किस करने और अपना लिंग चूसने के लिए जबरन कहा। उसने अपने सारे कपड़ा उतार दिया था। फिर मेरे कपड़े जबरन उतारने लगा। मैं रोने लग गई। जब मैं चिल्लाने लगी, तो उसने मेरा मुंह दबाकर मुझे रोक दिया। उसने करीब एक से डेढ़ घंटे तक मेरे साथ छेड़छाड़ की। उसके दो या तीन कर्मचारी भी कमरे से बाहर थे। उसने मुझे फिर धमकी दी जैसे ही मैं बाहर आई। इस बारे में किसी से कुछ नहीं कहना। फिर मैं अपनी मां के साथ वापस उस कमरे में गई, जहां हम रुके थे।
16 अगस्त 2013 को बापू वहाँ से दिल्ली चला गया और हम घर आ गए। मेरे पिता ने जाने से पहले कहा कि इसे अहमदाबाद (गुजरात) भेज दो। ये अनुष्ठान वहां 7 से 8 दिन चलेगा। फिर मैं इसे छिंदवाड़ा ले जाऊंगा। मैं इस घटना के बाद वहां नहीं गई और घर पहुंचकर मैंने अपने माता-पिता को सब कुछ बताया।
आसाराम बापू की गिरफ्तार :
77 वर्षीय आसाराम बापू का मामला भारतीय धर्मगुरु आसाराम बापू से जुड़ा है, जिन पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। सितंबर 2013 में, जोधपुर के पास मणाई गांव में आसाराम ने अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया। आसाराम को इस मामले में गिरफ्तार करके जोधपुर सेंट्रल जेल में डाला गया।
सुप्रीम कोर्ट का बयान:
मामले की सुनवाई के दौरान, कई गवाहों ने आसाराम के खिलाफ गवाही दी। अभियोजन पक्ष ने सबूतों के साथ अपनी दलीलें पेश कीं, जिसके आधार पर अदालत ने मामले की सुनवाई जारी रखी। और अपराधी को सजा सुनाई गई ।
न्यायालय का निर्णय:
77 साल की उम्र में आसाराम बापू को अप्रैल 2018 में, जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम बापू को दोषी पाया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें यौन शोषण के गंभीर अपराध का दोषी ठहराया।
समाज पर प्रभाव:
आसाराम बापू के मामले ने समाज में यौन शोषण के मामलों को लेकर जागरूकता बढ़ाई और धर्मगुरुओं की नैतिकता पर सवाल खड़ा किया। यह मामला यौन शोषण के खिलाफ न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और कई धर्मगुरुओं द्वारा यौन शोषण के कई मामले में नए खुलासे देखने को मिले । कई धर्मगुरुओं को जेल में डाला गया ।
अन्य मामलों में आरोप:
आसाराम बापू के खिलाफ अन्य यौन शोषण और आपराधिक मामलों में भी आरोप लगे हैं, जो अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन हैं।
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